यांकटन ,25 सितंबर । भारत की महिला और मिश्रित युगल कंपाउंड तीरंदाजी टीम को कोलंबिया के खिलाफ एकतरफा मुकाबलों में शिकस्त के साथ यहां विश्व चैंपियनशिप में रजत पदक से संतोष करना पड़ा। भारत विश्व चैंपियनशिप में अपने पहले स्वर्ण पदक के लिए चुनौती पेश कर रहा था। भारत अब तक स्वर्ण पदक नहीं जीत पाया है लेकिन उसने सबसे अधिक 10 बार पोडियम पर जगह बनाई है। इस दौरान भारत ने आठ बार फाइनल में चुनौती पेश की और उसे हर बार रजत पदक से संतोष करना पड़ा।
रैंकिंग दौर में चौथे स्थान पर रही अभिषेक वर्मा और ज्योति सुरेखा वेनाम की भारत की स्टार मिश्रित युगल जोड़ी ने एक अंक की बढ़त के साथ शुरुआत की लेकिन इसके बाद कोलंबिया का दबदबा देखने को मिला। भारतीय जोड़ी को अंतत: 150-154 से शिकस्त झेलनी पड़ी।
ज्योति, मुस्कान किरार और प्रिया गुर्जर की सातवीं वरीय महिला टीम को सारा लोपेज, एलेजांद्रा उसच्यिानो और नोरा वाल्डेज की तिकड़ी के खिलाफ 224-229 से हार का सामना करना पड़ा।
रैंकिंग दौर में शीर्ष पर रही कोलंबियाई टीम ने 15 बार 10 अंक पर निशाना साधा और इस दौरान उनके पांच निशाने बिलकुल बीच में लगे।
पहले दौर के बाद दोनों टीमें 58-58 से बराबर थी। भारतीय महिला टीम ने इसके बाद बढ़त बनाने
रैंकिंग दौर में दूसरे स्थान पर रही डेनियल मुनोज और सारा ने पहले दौर के बाद वापसी की और तीसरे दौर में 40 में से 40 अंक जुटाकर पहली बार मिश्रित युगल का स्वर्ण पदक जीता। कुल मिलाकर कोलंबियाई जोड़ी ने 16 में से 10 तीर पर 10 अंक जुटाए जबकि भारतीय खिलाड़ी आठ बार ही 10 अंक जुटा पाए। कोलंबिया ने कंपाउंड तीरंदाजी में अपना दबदबा बरकरा