हरिद्वार। कुलाधिपति डॉ. प्रणव पण्ड्या ने प्रतिभागियों की खेल भावना को सराहा। विभिन्न प्रतियोगिताओं में प्रथम, द्वितीय आये छात्र-छात्राओं को उन्होंने प्रशस्ति पत्र एवं मेडल भेंटकर सम्मानित किया। कुलाधिपति डॉ. पण्ड्या ने कहा कि शारीरिक व बौद्धिक प्रतियोगिता का सम्मिश्रण ने युवाओं में जबरदस्त उत्साह जगाया है।
सांस्कृतिक प्रतियोगिता के प्रभारी डॉ शिवनारायण प्रसाद ने बताया कि इस वर्ष खेलों के साथ-साथ बौद्धिक प्रतियोगिताओं का आयोजन हुआ। संगीत में लोकरंजन से लोकशिक्षण पर आधारित प्रज्ञा युगसंगीत में स्वस्थ प्रतिस्पर्धा दिखाई दी। शास्त्रीय संगीत एकल गायन में प्रतिभागियों ने निर्णय लेने में निर्णायकों को खूब दिमाग लगाने के लिए विवश किया। इसमें एकता नैथानी को प्रथम तथा अर्चना व सुरभि पंत को द्वितीय घोषित किया गया। एकल प्रज्ञागीत गायन में कुमार रजत को पहला तथा अनन्या त्रिपाठी को दूसरा स्थान मिला। ढपली वादन में दीक्षा पटेल ने वैष्णवी वर्मा से अव्वल रही। समूह प्रज्ञा गीत में प्रज्ञा ग्रुप को प्रथम तथा सरगम ग्रुप को द्वितीय स्थान मिला। एकल भावनृत्य में प्रेरणा ने बाजी मारी, तो वहीं जयश्री को द्वितीय स्थान से संतोष करना पड़ा। समूह नृत्य में अर्चना ग्रुप ने भावना ग्रूप को पीछे छोड़ते हुए प्रथम स्थान प्राप्त किया। समापन समारोह में राष्ट्रीय भक्ति से ओतप्रोत लघुनाटिका का मंचन किया गया जिसे दर्शकों ने खूब सराहा। इस अवसर पर प्रस्तुत पर सामूहिक नृत्य ने सभी को रोमांचित किया। इस दौरान कुलपति शरद पारधी, प्रतिकुलपति डॉ चिन्मय पण्ड्या, कुलसचिव बलदाऊ देवांगन, विभागाध्यक्ष एवं समस्त विवि परिवार एवं शांतिकुंज एवं ब्रह्मवर्चस शोध संस्थान के कार्यकर्ता उपस्थित रहे।