नई दिल्ली। कोरोना वायरस से लडऩे के लिए केंद्र सरकार की तैयारियों पर कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी ने हमला बोलते हुए कहा कि सरकार ने 21 दिन के लॉकडाउन का फैसला जल्दबाजी में लिया है। जबकि इससे पहले सोनिया ने खुद इस फैसले का समर्थन किया था।
कांग्रेस प्रमुख सोनिया गांधी ने यह आरोप गुरुवार को हुई कांग्रेस की वर्किंग कमिटी की बैठक में लगाया, जिनके साथ राहुल गांधी ने भी लॉकडाउन पर सवाल उठाए और प्रवासी कामगारों को हुई दिक्कतों का जिक्र किया। वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से हुई इस मीटिंग में सोनिया ने कहा कि लॉकडाउन जरूरी हो सकता है लेकिन इसके अनियोजित क्रियान्वयन से लाखों प्रवासी श्रमिकों को परेशानी और तकलीफ उठानी पड़ रही है। उन्होंने आगे कहा कि कोरोना वायरस लॉकडाउन की वजह से बने हालात से निपटने के लिए सरकार को एक विस्तृत रणनीति बनाना चाहिए थी।
सोनिया ने कहा टेस्टिंग का ऑप्शन नहीं
भारत के सामने कोरोना वायरस के रूप में एक बड़ी समस्या खड़ी है, लेकिन इसे हराने की हमारी इच्छा शक्ति ज्यादा बड़ी होनी चाहिए। कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी ने आज यह बात की है। कांग्रेस सीडब्ल्यूसी की बैठक के बाद सोनिया गांधी का एक बयान आया। इसमें उन्होंने बताया कि यह मीटिंग बड़े स्वास्थ्य और मानवीय संकट के बीच हुई, जिसमें कोरोना वायरस पर ही चर्चा हुई। सोनिया ने कहा कि कोरोना को हराने के लिए निरंतर और विश्वसनीय टेस्टिंग का कोई विकल्प नहीं है। सोनिया गांधी ने मांग उठाई कि कोरोना से जंग में लगे डॉक्टर, नर्स और बाकी मेडिकल स्टाफ को सरकार पूरा सपॉर्ट करे और उन्हें सूट, एन95 मास्क जैसी जरूरी चीजें जल्द से जल्द उपलब्ध करवाएं। सोनिया ने आगे कहा, ‘एक अभूतपूर्व स्वास्थ्य और मानवीय संकट के बीच आज हमारी मीटिंग हुई। हमारे सामने डरानेवाली समस्या है, लेकिन इसे हराने का हमारा संकल्प उससे बड़ा होना चाहिए।
कोरोना संकट में समग्र रणनीति बनाए सरकार
कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने कहा कि सरकार कोरोना वायरस के संकट से निपटने के लिए समग्र रणनीति बनाए तथा 21 दिनों के लॉकडाउन के दौरान प्रभावित लोगों की मदद के लिए साझा न्यूनतम राहत कार्यक्रम तैयार करे। सोनिया ने पार्टी की सर्वोच्च नीति निर्धारण इकाई कांग्रेस कार्य समिति (सीडब्ल्यूसी) की वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से हुई बैठक में कहा कि लगातार और विश्वसनीय ढंग से चिकित्सा जांच करने के अलावा कोविड-19 से लडऩे का कोई दूसरा विकल्प नहीं है। हमारे चिकित्सकों, नर्सों और स्वास्थ्यकर्मियों को सभी तरह का सहयोग मिलना चाहिए। कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि स्वास्थ्यकर्मियों को एन-95 मास्क और हज्मत सूट जैसे निजी सुरक्षा उपकरण युद्ध स्तर पर मुहैया कराने की जरूरत है। कांग्रेस अध्यक्ष ने किसानों की मुश्किलों का उल्लेख करते हुए कहा कि किसानों को तत्काल उर्वरक और कीटनाशक तथा कर्ज की सहज उपलब्धता की तत्काल जरूरत है। उन्हें क्षतिपूर्ति के लिए जल्द राशि प्रदान की जाए। उन्होंने कहा कि लघु और मध्यम उद्योगों के बड़े खतरे का सामना कर रहे हैं। हाल के घटनाक्रमों से उन्हें बहुत नुकसान पहुंचा है। करोड़ों नागरिकों की जीविका बाधित हुई है। सोनिया ने कहा कि सरकार को इस संकट से निपटने के लिए समग्र रणनीति बनानी होगी। उन्होंने सरकार से आग्रह किया कि असंगठित क्षेत्र में काम करने वालों की पूरी मदद की जाए। कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि वेतनभोगी और मध्यम वर्ग को राहत देने के लिए ईएमआई के भुगतान की अवधि को भले ही टाल दिया गया हो लेकिन ब्याज पर कोई राहत नहीं दी गयी। इससे ईएमआई के भुगतान की तिथि को आगे बढ़ाने का पूरा मकसद की बेकार हो गया।
कोरोना की जंग देश के साथ कांग्रेस: मनमोहन
पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने गुरुवार को कहा कि कोरोना संकट के खिलाफ लड़ाई में कांग्रेस देश के साथ खड़ी है। उन्होंने पार्टी की सर्वोच्च नीति निर्धारण इकाई कांग्रेस कार्य समिति (सीडब्ल्यूसी) की वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से हुई बैठक में यह टिप्पणी की। कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला के अनुसार सिंह ने कहा कि कोविड-19 की चुनौती से मुकाबला करने के लिए कांग्रेस पार्टी राष्ट्र के साथ खड़ी है। इस बैठक में कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा कि कोरोना मुख्य रूप से उम्रदराज, फेफड़ों की बीमारी, मधुमेह और हृदय रोग वाले लोगों पर हमला कर रहा है। सभी राज्य सरकारों को इन श्रेणियों के लोगों के लिए विशेष परामर्श जारी करने के साथ उनकी देखभाल करनी चाहिए। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एके एंटनी और पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने भी सीडब्ल्यूसी की बैठक को संबोधित किया। अमरिंदर सिंह ने कोरोना संकट से निपटने के लिए अपने राज्य में उठाये गए कदमों और तैयारियों की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि केंद्र राज्य के हिस्से के पांच हजार करोड़ रुपये जारी नहीं कर रहा है जो कोरोना के खिलाफ लड़ाई में एक अवरोध बन रहा है।