लखनऊ। लखनऊ में फैजुल्लागंज इलाके में मिस्त्री कार्य करने वाले लोगों, मजदूरी करने वाले लोगों, पेंटिंग करने वाले लोगों की बहुत बड़ी संख्या निवास करती है। लॉकडाउन के वक्त इन मजदूरी करने वाले लोगों से ज्यादा परेशानी उनकी घरवाली महसूस कर रही है। जो मजदूरों के घर का चूल्हा जलाती है, छोटे बच्चों को पालती है। फैजुल्लागंज इलाके में रहने वाले मजदूरों के घर की महिलाओं ने बताया कि वे लोग मजदूरी या मेहनत का काम ना करें तो पेट भरने की समस्या हो जाये। उनके परिवार के मर्द लखनऊ और आसपास के इलाकों में ही काम खोजते है और करते है। दूसरे जिला या प्रदेश में जाकर काम नहीं करते, क्योकिं उससे वे घर से दूर हो जाते हैं। मजदूर परिवार की महिला रचना सिंह ने कहा कि घर के लोग सब्जी, सामग्री ला रहे हैं लेकिन जमा पूंजी लगायी जा रही है। जिस दिन खत्म हो गयी, उसी दिन सभी भूखे हो जायेंगे। लॉकडाउन से सभी परेशान हो उठे हैं। रोजाना सुबह से शाम तक हमारे घरवाले मजदूरी करते हैं, तभी घर चलता है। रेनू देवी ने कहा कि मजदूरी नहीं करेंगे तो खायेंगे क्या, छोटे—छोटे बच्चे हैं। हमारे घर में पुरुष भी मजदूरी करते है। महिलाएं भी कर लेती है। जब रुपये नहीं रहेंगे, तो सामग्री कहां से खरीदेंगे। सिलेंडर भी खाली होने वाला कहां से भरवायेंगे। ज्योति यादव ने कहा कि समस्या तो बहुत है। घर में कैसे क्या करें कुछ समझ में नहीं आ रहा है। हमारे यहां भी मर्द मजदूरी करते हैं। ठेका पर पेंटिंग करते हैं। प्रिया अवस्थी ने कहा कि बच्चे सभी अंदर रहेंगे, तो उनके खाने दूध पीने की व्यवस्था करनी होगी। जब आदमी बाहर जायेगा नहीं कमाने तो कहां से खायेंगे, कहां से कमायेंगे। मिट्टी की ढोअइया करते हमारे पति संतोष, वो घर पर ही बैठे हुए हैं, क्या करें।