रेलवे में यात्रा की तारीख से अब 45 दिन तक कभी भी ले सकेंगे रिफंड

नईदिल्ली। कोविड 19 के मद्देनजऱ भीड़भाड़ से बचने की कवायद के अंतर्गत भारतीय रेलवे ने आरक्षण काउंटर से खरीदे गए आरक्षित टिकटों को रद्द कराके पैसा वापस लेने के नियमों में ढील देने का फैसला किया है।
रेलवे बोर्ड के आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि ई-टिकट को रद्द कराने के नियम यथावत हैं, उनके लिए यात्रियों को स्टेशन आने की जरूरत नहीं है लेकिन पीआरएस काउंटरों से खरीदे गये टिकटों, जिन पर 21 मार्च से 15 अप्रैल के बीच यात्रा की जानी है, को रद्द कराने के नियमों में ढील दी गई है।
सूत्रों के अनुसार 21 मार्च से 15 अप्रैल के बीच रद्द की गई ट्रेन के टिकट का रिफंड वर्तमान नियम में तीन घंटे से 72 घंटे के बीच लिया जाता है, लेकिन नए नियम के तहत यात्रा की तारीख से 45 दिन तक कभी भी रिफंड लिया जा सकेगा। यदि गाड़ी रद्द नहीं की गयी है, पर यात्री खुद अपनी यात्रा का कार्यक्रम रद्द करता है तो यात्रा की तिथि से 30 दिन के भीतर यात्री टीडीआर दाखिल कर सकता है। ऐसे टीडीआर मुख्य वाणिज्यिक प्रबंधक के दावा कार्यालय में भेजे जाएंगे और वहां ट्रेन चार्ट के सत्यापन के बाद 60 दिन के भीतर रिफंड का भुगतान कर दिया जाएगा।
सूत्रों के अनुसार फोन नंबर 139 पर कॉल करके टिकट को रद्द कराने वाले लोग भी यात्रा की तारीख के 30 दिन के भीतर काउंटर से रिफंड वापस ले सकते हैं। रेलवे ने यात्रियों से अपील की है कि वे इन सुविधाओं का लाभ उठायें और कोरोना से बचने के लिए स्टेशन आने से भी बचें।
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