राम मंदिर निर्माण के लिए प्राधिकरण से पास कराना होगा नक्शा

राम मंदिर निर्माण के लिए प्राधिकरण से पास कराना होगा नक्शा

राम मंदिर निर्माण के लिए प्राधिकरण से पास कराना होगा नक्शा

नक्शा पास कराने में खर्च होगा करोड़ों रुपया: चंपत राय
अयोध्या। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भले ही अयोध्या में बनने वाले विशाल राम मंदिर का भूमि पूजन कर दिया हो परंतु अभी निर्माण कार्य शुरू होने में विलंब लगेगा! मंदिर का नक्शा प्राधिकरण से पास कराए बिना नियमानुसार मंदिर का निर्माण कार्य नहीं शुरू कराया जा सकता है!
श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने इसका खुलासा किया है! उनका कहना है कि वास्तुशिल्पी सोनपुरा व उनके पुत्रों ने भव्य राम मंदिर का जो प्रारूप ट्रस्ट को सौंपा उसी के अनुसार भव्य राम मंदिर का निर्माण कार्य कराया जाएगा! अयोध्या विकास प्राधिकरण से मंदिर बॉर्डर का नक्शा पास कराया जाना आवश्यक है, इस संबंध में ट्रस्ट की बैठक होगी जिसमें नक्शा पास कराने की प्रक्रिया का प्रारूप तैयार किया जाएगा और उसे अयोध्या विकास प्राधिकरण को सौंपा जाएगा!
कोरोनावायरस महामारी के कारण मंदिर निर्माण शुरू की जाने में काफी विलंब हो चुका है! सर्वोच्च न्यायालय ने 9 नवंबर 2019 को दिए गए अपने फैसले मेको दिए गए अपने फैसले में अयोध्या में भव्य श्री राम मंदिर निर्माण कराए जाने के संबंध में तमाम बाधाओं को साफ कर दिया था! दूसरे पक्षकार सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड को अलग से मस्जिद निर्माण के लिए फूल भी उपलब्ध करा देने का आदेश दिया गया था, इस आदेश के अनुपालन में प्रदेश सरकार ने बोर्ड कोरोनावायरस आना क्षेत्र में अवगत करा दिया! सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड एक कमेटी बनाकर सरकार द्वारा मिली हुई जमीन पर मस्जिद मदरसा बनाने का फैसला भी ले लिया है! 5 अगस्त को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अयोध्या आकर राम मंदिर का भूमिपूजन और शिलान्यास विधि विधान से किया, इससे साफ हो गया है कि बहुत ही जल्दी मंदिर निर्माण का कार्य आरंभ करा दिया जाएगा! चुकी भाजपा सरकार की की इच्छा शीघ्र ही राम मंदिर निर्माण शुरू करनी है इसलिए अयोध्या विकास प्राधिकरण से नक्शा पास कराने में भी कोई अड़चन नहीं आने वाली है!
बताते चलें कि अयोध्या में भव्य राम मंदिर का निर्माण कराने के लिए लार्सन एंड टर्बो कंपनी को जिम्मेदारी सौंपी गई! कंपनी के अभियंताओं और अधिकारियों ने मौके पर पहुंचकर स्थित का आकलन भी कर दिया! मंदिर का निर्माण कराने वाली कंपनी ने फाउंडेशन बनाने के लिए अनेक स्थानों से मिट्टी के नमूने भी लिए हैं जिससे यह तय किया जा सके की बुनियाद कितनी गहरी होगी जो विशाल का मंदिर के भवन का भार उठा सके! मंदिर निर्माण के लिए 8 फीट गहरा जमीन के अंदर कंक्रीट का चबूतरा बनाया जाना है! अभी तक कंपनी ने जो मिट्टी का नमूना प्रयोगशाला भेजा है उसकी जांच रिपोर्ट नहीं आई है!

Exit mobile version