अभिनेता अमित साध ने छोटे पर्दे से अपनी यात्रा शुरू करते हुए बिना किसी फिल्मी स्ट्रिंग्स के अपना रास्ता बनाकर शोबिज में एक लंबा सफर तय किया है।अभिनेता का कहना है कि उनके संघर्ष के शुरुआती दिनों ने उन्हें बहुत कुछ सिखाया है और उन्हें जमीन से जुड़े रहने में मदद की है।अमित ने पिछले सप्ताहांत में ओटीटी की दुनिया में तीन रिलीज के साथ एक मिनी रिकॉर्ड बनाया है।
डिजिटल रूप से रिलीज होने वाली फिल्मों शकुंतला देवी और यारा में उनकी महत्वपूर्ण भूमिकाएं थीं औरउन्होंने वेब सीरीज अवरोध: द सीज विदिन में भी अभिनय किया।
वह अपने बेहतरीन प्रदर्शन के लिए सराहना बटोर रहे हैं।
हालांकि वह अपनी परियोजनाओं के परिणाम से खुद को अलग कर आगे देखना पसंद करते हैं।
अमित ने कहा, जीवन में हमें परिणामों से बहुत ज्यादा नहीं जुडऩा चाहिए।
जब आप असफल होते हैं, तो आपको बहुत बुरा नहीं लगना चाहिए, और जब आप सफल होते हैं,जब आपकी आराम और इच्छा के अनुसार चल रहा होता है, तो आपको अभिमानी नहीं होना चाहिए।उन्होंने आगे कहा, मुझे लगता है कि हर कोई किसी न किसी तरह से संघर्ष कर रहा है,और जिंदगी मानसिक, भावनात्मक, आध्यात्मिक और आर्थिक रूप से चरण दर चरण बदलती रहती है।लेकिन मुझे लगता है कि फुटपाथ पर मेरे दिनों ने मुझे बहुत कुछ सिखाया है। इसलिए मानसिक रूप से मैं हमेशा फुटपाथ पर हूं।
यहां तक कि अगर मैं दुनिया का सबसे अच्छा अभिनेता बन जाता हूं या जब मैं (एक भूमिका) निभाता हूं, तो मेरे दिमाग में हमेशा फुटपाथ रहता है। मुझे लगता है कि यह मुझे प्रभावित करता है।