देहरादून, आजखबर। उत्तराखण्ड प्रदेश कांग्रेस कमेटी की निवर्तमान प्रवक्ता गरिमा महरा दसौनी ने विज्ञप्ति के माध्यम से मुख्यमंत्री द्वारा की जा रही समीक्षा बैठकों पर कड़ा प्रहार करते हुए कहा कि विभागों की समीक्षा बैठकें तो मात्र एक दिखावा है दरसल मुख्यमंत्री को लगभग सभी विभागों के झगड़ें सुलझाने एवं नाराजगी दूर करने के लिए मजबूरन बैठेकंे आहूत करनी पड़ रही हैं। दसौनी ने कहा कि समीक्षा तब की जाती है जब विभागांे में कोई काम हुआ हो। साढ़े तीन साल में ना तो मुख्यमंत्री और उनके मंत्रिपरिषद के सदस्यों में कोई तालमेल देखने को मिला और ना ही विभागांे के मंत्रियों और उनके सचिवों में कोई सामजस्य दिखाई पड़ा जिसका खामियाजा उत्तराखण्ड की गरीब जनता को भुगतना पड़ा।
बानगी के तौर पर श्रम विभाग एवं महिला बाल विकास मंत्रालय में जो मंछली बाजार चल रहा है व किसी से छुपा नही है। दसौनी ने कहा कि सरकार प्रचंण्ड बहुमत और डबल इंजन के बावजूद हर मोर्चे पर विफल रही है। मुख्यमंत्री यदि उत्तराखण्ड के विकास और हितों के प्रति संजीदा हैं तो उन्हें विपक्ष के आरोपों की ही समीक्षा करके पता लग जायेगा कि प्रदेश का निजाम किस दिशा में कार्य कर रहा है। ना सिर्फ राजधानी देहरादून बल्कि समस्त प्रदेश की सड़कें खुदी हुई हैं। श्रम मंत्री आये दिन कभी मुख्यमंत्री तो कभी अपने पीसीसीएफ चीफ के विरोध मेें स्वर मुखर किये हुए हैं। महिला विकास मंत्री के विभाग में काम करने के लिए आधा दर्जन अधिकारी मना कर चुके हैं। ऐसे में इन महत्वपूर्ण विभागों में क्या सर्कस चल रही है ये खुद अंदाजा लगाया जा सकता है। लोहाघाट के विधायक ने अपनी ही सरकार के जीरो टाॅलरेंस पर प्रश्नचिन्ह लगाते हुए विधानसभा में कार्यस्थगन का प्रस्ताव रखा।