गौरतलब है कि पवन गुप्ता के वकील एपी सिंह ने बताया था कि उनके मुवक्किल ने सुधारात्मक याचिका में कहा है कि उसे मौत की सजा नहीं दी जानी चाहिए। पवन चारों मुजरिमों में अकेला है जिसने अभी तक सुधारात्मक याचिका दायर करने और इसके बाद राष्ट्रपति के पास दया याचिका दायर करने के विकल्प का इस्तेमाल नहीं किया था। आपको बता दें कि अभी पवन गुप्ता के पास दया याचिका का विकल्प बचा हुआ है।