चेन्नई । विपरीत हालात में भी धैर्य बरकरार रखकर अपनी टीम को जीत दिलाना महेंद्र सिंह धोनी की सबसे बड़ी खासियत है। धोनी ने टीम इंडिया के लिए कई बार ऐसे कारनामे किए हैं, जिनमें उन्होंने असंभव को संभव कर दिखाया है। धोनी विकेट परिस्थितियों में भी कूल रहकर अपने लक्ष्य को हासिल करना जानते हैं। उनकी यही खूबी उन्हें महान खिलाडिय़ों में जगह दिलाती है। लेकिन इस पूर्व भारतीय कप्तान को यह स्वीकार करने में कोई दिक्कत नहीं है कि उन पर भी दबाव और डर का असर होता है।
खेलों में शीर्ष प्रदर्शन हासिल करने के लिए एमफोर की पहल मानसिक अनुकूलन कार्यक्रम का समर्थन करते हुए धोनी ने मानसिक स्वास्थ्य के मुद्दे पर अपना नजरिया रखा। एमफोर की ओर से जारी विज्ञप्ति में धोनी के हवाले से कहा गया, मुझे लगता है कि भारत में अब भी यह स्वीकार करना बड़ा मुद्दा है कि मानसिक पहलू को लेकर कोई कमजोरी है लेकिन आम तौर पर हम इसे मानसिक बीमारी कहते हैं।
उन्होंने कहा, यह छोटी सी समस्या है लेकिन काफी बार हम कोच को यह कहने में हिचकते हैं और यही कारण है कि किसी भी खेल में कोच और खिलाड़ी का रिश्ता काफी महत्वपूर्ण होता है। भारतीय कप्तान विराट कोहली के हवाले से कहा गया कि जीवन में मानसिक स्पष्टता महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा, मुझे लगता है कि मानसिक स्वास्थ्य और मानसिक स्पष्टता सिर्फ खेल ही नहीं बल्कि जीवन में भी सबसे महत्वपूर्ण पहलू है।