हरिद्वार । पूर्व विधायक अम्बरीष कुमार ने कहा कि मोदी सरकार देश के स्वाभिमान से खिलवाड़ ना करे। अम्बरीष कुमार ने कहा कि एक और किसानों का आंदोलन लगातार जारी है। प्रतिदिन नए जत्थे किसान आंदोलन में शामिल हो रहे हैं। किसान लंबे आंदोलन के लिए तैयार हैं। आंदोलन स्थल दर्शनीय बन गए हैं लोग परिवार सहित आ रहे हैं। दूसरी तरफ देश के प्रधानमंत्री सत्ता के अहंकार में चूर होकर किसानों के घावों पर नमक छिड़क रहे हैं।
फिक्की के सम्मेलन में बोलते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि कॉर्पोरेट को कृषि क्षेत्र में निवेश करना चाहिए। पूरा किसान समुदाय कटिबद्ध है कि हम कॉर्पोरेट घरानों को अपनी भूमि पर काबिज नहीं होने देंगे। आश्चर्य की बात यह है कि जिसके लिए कानून बनाने की बात की जा रही है। वह इससे अपने लिए हानिकारक मानते हैं। तथाकथित लोकतांत्रिक सरकार कृषि वैज्ञानिकों, कृषि क्षेत्र के विशेषज्ञों जो धरातल की वास्तविकता से कोसों दूर उनकी सलाह से कानून बना रहे हैं परंतु किसान को विश्वास में नहीं ले रहे हैं। जिसके परिणाम में आंदोलन के कारण लाखों करोड़ों का नुकसान देश को हो रहा है।
प्रधानमंत्री कहते हैं कि विचार विमर्श लोकतंत्र की आत्मा है। परंतु उनका आचरण इसके विपरीत है। इसी कारण एम्स जैसे प्रतिष्ठित संस्थान की 7 हजार नर्सो को हड़ताल का सहारा लेना पडा। देश के श्रमिक संघों में भी नई श्रम संहिता के खिलाफ ज्वाला धधक रही है। बेरोजगारी से त्रस्त नौजवान निराश हैं। मंदी के कारण व्यापार चैपट है। समय प्रतीक्षा कर रहा है कि कब सारी शक्तियां एक होकर देश के लोकतंत्र को बचाए और लोकतंत्र के वेश में जारी तानाशाही का खात्मा करें।