उत्तरकाशी, । तिलोथ पुल का निर्माण कार्य 10 साल बाद भी पूरा नहीं हो सका। जबकि विभाग इसके निर्माण पर लगभग पौने पांच करोड़ रूपये खर्च करने के बाद भी निर्माण कार्य सालों से पुल के एबटमेंट पर ही फंसा है। इससे विभाग की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े हो रहे हैं।
जिलाधिकारी कार्यालय से महज सौ मीटर की दूरी पर स्थित तिलोथ पुल का निर्माण लोनिवि की नाकामी का जीता जागता सबूत है। वर्ष 2012-13 की आपदा में टूटे इस पुल का निर्माण कछुवा गति से चल रहा है। इसका ही नतीजा है कि दस साल बाद भी पुल निर्माण का काम अधर में लटका हुआ है। अभी भी पुल निर्माण जल्द पूरा होने के आसार नजर नहीं आ रहे है।
उत्तरकाशी और तिलोथ के बीच भागीरथी नदी पर 102 मीटर लंबे स्पान का मोटर पुल आपदा की भेंट चढ़ने से स्थानीय जनमानस खासा परेशान है। आपदा में पुल का 42 मीटर हिस्सा पूरी तरह से नदी में बह गया था। विभाग ने अस्थायी व्यवस्था के लिए वैली ब्रिज बनाया। लेकिन बड़े वाहनों की आवाजाही लंबे समय से प्रतिबंधित है। तिलोथ पुल बाडागड्डी, लंबगांव और केदारनाथ धाम को जोड़ने के अलावा शहर की लाइफ लाइन भी है।