आजकल के समय में ना जानें ऐसे कितने लोग हैं जो शहरी जीवनशैली के चलते तनाव और अवसाद का शिकार हो रहे हैं। सुबह 9 बजे से शाम 5 बजे की नौकरी न केवल आपको दिमागी तौर पर उलझा रही है बल्कि आप अपने मन की शांति भी खोते जा रहे हैं। ऐसे में जरूरी है खुद के लिए समय निकालना। इस तरह की परेशानी न केवल आपको मानसिक समस्याओं का शिकार बना सकती हैं बल्कि तनाव के कारण शरीर से जुड़ी अन्य समस्याएं भी पैदा होती जा रही हैं।
ऐसे में आधुनिक मानव को मन की शांति और सेहत के लिए कुछ नए तरीकों को अपनाना जरूरी है। आज हम बात कर रहे हैं यूफोनिक योग (Euphonic Yoga) की। यह एक नए तरह का योग है, जो ना केवल आपको मानसिक तौर पर स्वस्थ रख सकता है बल्कि आपके पूरे शरीर को भी कई समस्याओं से दूर रख सकता है। ऐसे में इस योग के बारे में पता होना जरूरी है। Euphonic Yoga की पूरी जानकारी पाने के लिए हमने मेंबर यूनेस्को पेरिस (सीआईडी), TEDx स्पीकर, और यूफोनिक योग की संस्थापक श्रुति चतुरलाल शर्मा से बात की है।
क्या है ‘यूफोनिक योग’?
हमारे शरीर में सात चक्र होते हैं। शायद ही लोगों को पता होगा कि यह सात चक्र सात स्वर से जुड़े होते हैं। जी हां, सा, रे, गा, मा, पा, धा, नि… इन सात चक्रों से जुड़े सात स्वर एक साथ मिलकर योग का नया रूप यूफोनिक योग बनाते हैं। यूफोनिक योग शास्त्रीय संगीत, शास्त्रीय नृत्य, और योग का एक अनोखा संगम माना जाता है।
हालांकि शास्त्रीय नृत्य और संगीत को मनोरंजन के साथ-साथ भावनाओं को व्यक्त करने का माध्यम मानते हैं। लेकिन इस बात में भी कोई दोराय नहीं है कि नृत्य और संगीत सेहत से जुड़ी कई समस्याओं को दूर करने में उपयोगी है।
जब योग के साथ नृत्य और संगीत मिल जाता है तो इसका प्रभाव और बढ़ जाता है। नृत्य के दौरान हम फुट वर्क ज्यादा करते हैं, जिससे पैरों पर सकारात्मक प्रभाव पड़ता है। वहीं दूसरी तरफ शरीर के सात चक्रों के साथ कई रागों का प्रयोग होता है, जिससे शरीर के चक्र जागृत होते हैं और शांति पहुंचाते हैं।