नई दिल्ली। विजय माल्या, नीरव मोदी और मेहुल चौकसी समेत देश के 50 बड़े विलफुल डिफॉल्टर्स के 68,607 को बैंकों द्वारा बट्टे खाते में डालने आरोपों-प्रत्यारोपों का दौर शुरू हो गया है। केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने आरोप लगाने वाले कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी को बट्टे खाते में डालने और माफ करने के बीच का अंतर समझने के लिए पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम से ट्यूशन लेने की सलाह दी है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने ऐसे उद्योगपतियों के खिलाफ हुई कार्रवाई की जानकारी देते हुए कांग्रेस पर गुमराह करने का आरोप लगाया है। जबकि कांग्रेस ने आरोपों को दुहराते हुए कहा है कि अपने मित्रों को बचाने के बाद सरकार अब झूठ बोलने पर उतारू हो गई है।
जावड़ेकर ने कहा कि मोदी सरकार ने किसी का ऋ ण माफ नहीं किया है। बट्टा खाता में डालना लेखांकन की एक सामान्य प्रक्रिया है और इससे चूककर्ता के खिलाफ वसूली या कार्रवाई पर रोक नहीं लगती है। इसे राहुल भी समझते हैं। नहीं समझते तो चिदंबरम से ट्यूशन लें। हालांकि उनका एजेंडा गुमराह करने का है।
इससे पहले वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने एक के बाद एक 13 ट्वीट कर राहुल के आरोपों का जवाब दिया। इस दौरान उन्होंने भगोड़े उद्योगपतियों के खिलाफ कार्रवाई का ब्यौरा देते हुए कांग्रेस पर देश को गुमराह करने का आरोप लगाया। वित्त मंत्री ने कहा कि कांग्रेस के नेताओं ने जानबूझ कर बैंकों का कर्ज नहीं लौटाने वाले, फंसे कर्जों और बट्टे खाते पर गुमराह करने की कोशिश की। साल 2009-10 और 2013-14 के बीच अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों ने 145226 करोड़ रुपये की राशि को बट्टे खाते में डाला था। शायद राहुल ने इस संबंध में पूर्व पीएम मनमोहन सिंह जाना होगा कि यह किस बारे में था। उन्होंने कहा कि बट्टïे खाते में डाले जाने के बाद भी बैंक उधारकर्ता से वसूली की कोशिश जारी रखते हैं।
वित्त मंत्री ने कहा के मेहुल चौकसी की 1936 करोड़ से अधिक की संपत्ति अटैच की गई। उनके खिलाफ रेड कॉर्नर नोटिस जारी हुआ है। भगोड़ा घोषित करने की प्रक्रिया जारी है और एंटीगुआ से उनके प्रत्यर्पण की कोशिश हो रही है। उन्होंंने कहा कि माल्या की 8040 करोड़ की संपत्ति अटैच की गई है। उनके 1693 करोड़ के शेयर जब्त हुए हैं। उन्हें भगोड़ा घोषित किया गया और अब प्रत्यर्पण की कोशिश हो रही है। इसके अलावा यूके की जेल में बंद नीरव मोदी की करीब 2387 करोड़ रुपये की संपत्ति को भी सरकार ने अटैच की गई है।
कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि सरकार को तकनीकी पहलुओं में लोगों को उलझाने के बदले तस्वीर साफ करनी चाहिए। उन्होंने कहा -तू इधर उधर की ना बात कर ये बता की काफिला क्यों लुटा-। मामला सीधा सा है मोदी सरकार ने अपने मित्रों से जुड़े ऋणों को माफ कर दिया है। पोल खुलने के बाद सरकार वास्तविक पक्ष की जगह तकनीकी पक्ष सामने ला कर मामले को उलझाना चाहती है। सरकार को बताना चाहिए कि क्या उसने आर्थिक अपराधियों जो देश छोड़ कर भाग गए हैं, उन पर दरियादिली नहीं दिखाई?
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