ग्रामीण विकास लेखक संघ का द्विवार्षिक अधिवेशन

ग्रामीण विकास लेखक संघ का द्विवार्षिक अधिवेशन

ग्रामीण विकास लेखक संघ का द्विवार्षिक अधिवेशन

हरिद्वार। आज कोई भी व्यक्ति दुर्गम में जाकर काम नहीं करना चाहता। ऐसी स्थिति नहीं आनी चाहिए। मातृभूमि से हमारा प्रेम होना चाहिए, क्योंकि बड़े संघर्षों के बाद हमने ये राज्य प्राप्त किया है और इस को आगे बढ़ाना हम सबका दायित्व है। उक्त बात विकास भवन, रोशनाबाद में शनिवार को ग्राम्य विकास लेखा संघ के वर्तमान अध्यक्ष के.सी. शर्मा पांथरी के विदाई समारोह एवं संघ के षष्ठम द्विवार्षिक अधिवेशन को बतौर मुख्य अतिथि संबोधित करते हुए प्रदेश के लोक निर्माण, पर्यटन, सिंचाई, पंचायती राज, ग्रामीण निर्माण, जलागम,धर्मस्व एवं संस्कृति सतपाल महाराज ने कही। उन्होंने कहा कि हर्ष का विषय है कि संगठन के अधिवेशन के दिन ही इसके संस्थापक और वर्तमान अध्यक्ष के.सी. शर्मा भी सेवा निवृत्त हो रहे हैं। अपने कार्यकाल के दौरान इन्होंने ग्राम्य विकास में लेखा संवर्ग के कार्मिकों के हितों से जुड़े कई कार्य किए हैं।

श्री महाराज ने कहा कि ग्राम्य विकास लेखा संघ एक ऐसा संगठन है जिसने अपने 19 वर्षों के सफर में कभी भी कोई हड़ताल या आंदोलन की चेतावनी सरकार को नहीं दी। कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज ने कहा कि ग्राम्य विकास लेखा संघ का गठन ग्राम्य विकास विभाग के अंतर्गत लेखा कार्यों की महत्ता एवं कार्यरत कार्मिकों को बेहतर सेवा का लाभ प्रदान करने के लिए किया गया है।

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