खेत-खलिहानों को पूंजीपतियों के हाथ गिरवी रखने का षड्यंत्र कर रही है मोदी सरकार : कांग्रेस

खेत-खलिहानों को पूंजीपतियों के हाथ गिरवी रखने का षड्यंत्र कर रही है मोदी सरकार : कांग्रेस

खेत-खलिहानों को पूंजीपतियों के हाथ गिरवी रखने का षड्यंत्र कर रही है मोदी सरकार : कांग्रेस

जयपुर । कांग्रेस ने कृषि से जुड़े तीन विधेयकों को लेकर केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार पर निशाना साधते हुए  कहा कि केंद्र सरकार इन कानूनों के जरिए खेत-खलिहानों को पूंजीपतियों के हाथ गिरवी रखने का षड्यंत्र कर रही है।

साथ ही कहा कि कांग्रेस इन काले कानूनों के खिलाफ खिलाफ भारत बंद में देश के अन्नदाता के साथ अडिग खड़ी है।

कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने यहां संवाददाताओं से कहा कि केन्द्र सरकार ने इन तीन काले कानूनों के माध्यम से किसान, खेत-मज़दूर, छोटे दुकानदार, मंडी मज़दूर और कर्मचारियों की आजीविका पर एक क्रूर हमला बोला है।

उन्होंने कहा, ‘किसान-खेत मजदूर के भविष्य को रौंद कर प्रधानमंत्री ने उनके भाग्य में बदहाली और बर्बादी लिख दी है और यह किसान, खेत और खलिहान के खिलाफ एक घिनौना षड्यंत्र है।

सुरजेवाला ने कहा,‘‘आज देश भर में 62 करोड़ किसान-मजदूर और 250 से अधिक किसान संगठन इन काले कानूनों के खिलाफ भारत बंद के माध्यम से धरना प्रदर्शन कर अपना विरोध जता रहे हैं पर प्रधानमंत्री मोदी एवं भाजपा सरकार सब ऐतराज दरकिनार कर देश को बरगला रहे हैं।

उन्होंने कहा,‘‘संसद में संविधान का गला घोंटा जा रहा है और खेत खलिहान में किसानों-मजदूरों की आजीविका का।

देश में कोरोना, सीमा पर चीन और खेती पर मोदी सरकार हमलावर है। सुरजेवाला ने सवाल किया कि अगर अनाजमंडी-सब्जीमंडी व्यवस्था यानी एपीएमसी पूरी तरह से खत्म हो जाएगी तो ‘कृषि उपज खरीद प्रणाली भी पूरी तरह नष्ट हो जाएगी।

ऐसे में किसानों को ‘न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) कैसे मिलेगा, कहां मिलेगा और कौन देगा? उन्होंने कहा,‘‘क्या एफसीआई साढ़े 15 करोड़ किसानों के खेत से एमएसपी पर उनकी फसल की खरीद कर सकती है? बड़ी-बड़ी कंपनियों द्वारा किसान की फसल को एमएसपी पर खरीदे जाने की गारंटी कौन देगा?

इसके साथ ही उन्होंने संसद में पारित कृषि से जुड़े तीनों विधेयकों में एमएसपी की चर्चा नहीं किए जाने पर भी सवाल उठाया। इस अवसर पर छत्तीसगढ़ के कैबिनेट मंत्री टी.एस. सिंह देव तथा कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष गोविंद सिंह दोटासरा ने भी अपनी बात रखी।

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