देशों में कोरोना वायरस को फैलने से रोकने लिए रविवार (22 मार्च) को करीब एक अरब लोग घरों में बंद रहे। वहीं घातक संक्रमण से मरन वालों की तादाद बढ़कर 13, 000 के पार पहुंच गई है। सबसे बुरी तरह से प्रभावित इटली में कारखाने बंद कर दिए गए हैं। इस महामारी के कारण दुनिया के करीब 35 मुल्कों ने बंद (लॉकडाउन) किया है, जिससे जनजीवन, यात्रा और कारोबार प्रभावित हुए है। वहीं सरकारें सीमाएं बंद करने को लेकर जद्दोजहद कर रही हैं और वायरस की वजह से आर्थिक मंदी से बचने के लिए आपातकालीन उपायों में अरब डॉलर लगा रही हैं।दुनिया में तीन लाख से ज्यादा लोगों के संक्रमित में होने की पुष्टि हुई है। इटली में स्थिति गंभीर है जहां 4,800 से ज्यादा लोगों की जान गई है, जो दुनिया में भर में इस संक्रमण से मरने वालों का एक तिहाई है। प्रधानमंत्री जिएसेपे कॉन्टे ने शनिवार (21 मार्च) देर रात टीवी के जरिए अपने संबोधन में गैर जरूरी कारखानों को बंद करने का ऐलान किया। छह करोड़ की आबादी वाला इटली पिछले साल चीन में सामने आई बीमारी का नया केंद्र बन गया है। इटली में कोरोना वायरस से हुई मौतों का आंकड़ा चीन और ईरान में हुई मौतें को जोड़ने के बाद भी कहीं ज्यादा है।चीन में इस संक्रमण के मामलों में तेजी से कमी आई है और यूरोप जैसे अन्य प्रभावित स्थानों से मामले आने की आशंका है। फ्रांस, इटली, स्पेन और अन्य यूरोपीय देशों ने लोगों को घर पर रहने का आदेश दिया है और कुछ मामलों में जुर्माना लगाने की चेतावनी भी दी है। ऑस्ट्रेलिया ने रविवार (22 मार्च) को नागरिकों को घरेलू यात्राओं को रद्द करने को कहा।ब्रिटेन ने पब, रेस्तरां और थिएटर बंद करने को कहा और लोगों से दहशत में आकर सामान नहीं खदरीने को चेताया। वहीं भारत में एक दिन का ‘जनता कर्फ्यू’ चल रहा है, जिसमें लोगों से अपने-अपने घरों में रहने की अपील की गई है। कोरोनो वायरस ने अफ्रीका में 1,000 से अधिक को संक्रमित किया है। पश्चिम एशिया हाई अलर्ट पर है, जहां इस संक्रमण से सबसे ज्यादा ईरान प्रभावित है।