नई दिल्ली । टी20 वर्ल्ड 2021 में टीम इंडिया का सफर खत्म होने के साथ ही भारतीय क्रिकेट ने नए युग की शुरुआत की ओर कदम बढ़ा दिए हैं। मुख्य कोच के तौर पर रवि शास्त्री का कार्यकाल खत्म हो गया। अब भारतीय टीम को राहुल द्रविड़ के मार्गदर्शन में सफलता तलाशनी होगी। इस वर्ल्ड कप से निकलने के कुछ ही दिन बाद भारतीय टीम अपनी मेजबानी में न्यूजीलैंड का सामना करेगी। न्यूजीलैंड सीरीज के साथ ही बतौर कोच राहुल द्रविड़ अपनी जिम्मेदारी संभाल लेंगे।
रवि शास्त्री के कार्यकाल पर एक नजर डालते हैं। शास्त्री पहली बार टीम इंडिया के साथ बतौर डायरेक्टर 2014 में जुड़े थे। इस दौरान उनका कार्यकाल टी20 वर्ल्ड कप 2016 तक था। इसके बाद अनिल कुंबले को कोच नियुक्त किया गया, लेकिन 2017 में चैम्पियंस ट्रॉफी के फाइनल में हार के बाद रवि शास्त्री को फुल टाइम कोच बनाया गया।
शास्त्री के कार्यकाल में भारत ने ऑस्ट्रेलिया में दो टेस्ट सीरीज पर कब्जा किया। शास्त्री के कोच रहते टीम इंडिया ने वर्ल्ड टेस्ट चैम्पियनशिप के फाइनल तक का सफर तय किया, लेकिन खिताबी जीत हासिल नहीं कर पाई। दरअसल, शास्त्री की कोचिंग में भारतीय टीम एक भी आईसीसी टूर्नामेंट नहीं जीत पाई।
आखिरी मौके के तौर पर मौजूदा टी20 वर्ल्ड कप को देखा जा रहा था, लेकिन टीम इंडिया की शुरुआत ही इतनी खराब हुई कि कोच शास्त्री इस निराशाजनक प्रदर्शन को कभी भुला नहीं पाएंगे। पाकिस्तान और न्यूजीलैंड से मिली कमर तोड़ देने वाली हार ने शास्त्री को भी बैकफुट पर ला खड़ा किया। उनके चेहरे से वो उत्साह गायब दिखा, जो मैच के दौरान दिखता था। आखिरकार टूर्नामेंट के दौरान ही टीम इंडिया के नए कोच के तौर पर राहुल द्रविड़ की नियुक्ति कर दी गई।