कुछ लोग नहीं पचा पाते दूध, जानें मिल्क के दूसरे हेल्दी विकल्प के बारे में

Young girl drinking glass of milk.

दूध पीना सेहत के लिए बहुत जरूरी होता है. यह शरीर को एनर्जी देने के साथ साथ हड्डियों को भी मजबूत बनाता है. साथ शरीर के मसल्स को भी पावर देता है. हालांकि कई लोगों को दूध पीना बिल्कुल अच्छा नहीं लगता है. दरअसल कुछ लोगों को दूध पचता ही नहीं है. लैक्टोज सेंसिटिव या लैक्टोज असहिष्णुता का मतलब है कि शरीर दूध और डेयरी उत्पादों में पाए जाने वाले एक प्रकार के प्राकृतिक शुगर को आसानी से पचा नहीं सकता है. ज्यादातर लोग इसे दूध से एलर्जी को जोडक़र देखते हैं पर ये अलग है.
दरअसल लैक्टोज सेंसिटिव होने पर लैक्टोज बड़ी आंत (कोलन) से बिना ठीक से पचे हुए निकलता है और ये गैस, पेट दर्द और सूजन जैसे असहज लक्षणों का कारण बन जाता है. कुछ लोग जो लैक्टोज सेंसिटिव होते हैं वह किसी भी दूध उत्पादों को पचा नहीं पाते हैं. दूध न पचा पाने के कारण इससे मिलने वाले कैल्शियम से लोग वचिंत रह जाते हैं, जिससे हड्डियों के लिए पर्याप्त कैल्शियम प्राप्त करने में मुश्किल आती है और ऐसे लोगों की हड्डियां कमजोर भी हो सकती हैं. आइए जानते हैं दूख के विकल्प के तौर पर आप किन चीजों का सेवन कर सकते है.
फर्मेंटेड दही
दही लैक्टोज सेंसिटिव लोगों के लिए एक हेल्दी विकल्प है क्योंकि इसमें लैक्टेज की कमी होती है, जिसके कारण इसे आसानी से पचाया जा सकता है. वहीं दही इसलिए भी सुरक्षित है क्योंकि दही के बनने की प्रक्रिया दूध में मौजूद लैक्टोज की अधिकांश मात्रा को तोड़ देती है और इसे लैक्टेट में परिवर्तित कर देती है जो लैक्टोज की तुलना में पचाने में बहुत आसान है. इसके लिए दही कम से कम 6 से 8 घंटे तक फर्मेंटेड हो नहीं तो वह भी लोगों को नहीं पचेगा.
काजू का दूध
जो लोग दूध को छोड़ नहीं सकते, उनके लिए काजू का दूध एक बहुत अच्छा विकल्प. यह न केवल कैलोरी में कम है बल्कि शरीर में विटामिन ई, डी और कैल्शियम की कमी को भी पूरा करता है. आप चाहे तो बादाम और काजू दोनों को साथ में पीसकर भी इसका दूध बना सकते हैं, जो आपके स्वास्थ्य के लिए कई तरह से फायदेमंद साबित हो सकता है.
नारियल का दूध
नारियल का दूध, नॉर्मल दूध का एक और बेहतरीन विकल्प है. नारियल के दूध का नियमित सेवन न केवल एनीमिया और दिल की बीमारियों को रोकने में मदद करता है, बल्कि शरीर में इलेक्ट्रोलाइट्स के स्तर को भी बनाए रखता है. अपने एंटीबायोटिक गुणों के साथ, नारियल का दूध जोड़ों के दर्द और गठिया से पीडि़त लोगों की मदद करता है. इसे कम मात्रा में सेवन करना चाहिए, क्योंकि इसके सेवन से वजन बढ़ सकता है.

Exit mobile version