कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष पर जिला पंचायत अध्यक्ष का बयान निंदनीयः शर्मा

देहरादून। कांग्रेस के महानगर अध्यक्ष लाल चन्द शर्मा ने भाजपा के जिला पंचायत अध्यक्ष के उस बयान की निंदा की है जिसमें जिला पंचायत अध्यक्ष ने कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह पर कोरोना महामारी के दौरान राजनीति करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि पूरा देश व उत्तराखण्डवासी महामारी के इस दौरा में मिलकर साथ खड़े हैं लेकिन जिला पंचायत अध्यक्षा जैसे लोग अब भी बयान बाजी से बाज नहीं आ रहे हैं। उन्होंने कहा कि राजनीति तो वह होती है जिसमें प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी व अमित शाह के दबाव में गुजरातियों को एसी बसों से गुजरात वापस भेज दिया लेकिन कई स्थानों पर फंसे उत्तराखण्डवासियों को प्रदेश की त्रिवेन्द्र सरकार ने उनके हाल पर छोड़ दिया। साथ ही नगर निगम क्षेत्र में भी राजनीति के चलते कांग्रेसी पार्षदों की भी अनदेखी की जा रही है।
महानगर अध्यक्ष लालचंद शर्मा ने कहा कि भाजपा केवल बयान बाजी कर रही है।
धरातल पर उनका कोई काम नहीं दिख रहा है। स्वंय सेवी संस्थाओं पर दबाव बनाकर पुलिस के जरिए इन संस्थाओं से कच्चा व पक्का राशन लेकर भाजपा नेता व कार्यकर्ता वाहवाही लूट रहे हैं। जबकि अपने पास से कोई खर्चा भाजपा पार्टी नहीं कर रही है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह पर जिला पंचायत अध्यक्ष का राजनीति करने का आरोप निंदनीय है। क्योंकि सरकार व उनकी संस्थाओं की जिम्मेदारी लोगों तक राहत पहुंचाने की है लेकिन इस महामारी के दौर में बयान बाजी के अलावा यह संस्थाएं कुछ नहीं कर रही है। उल्टे अपने संसाधनों से जनता की मदद करने वाले कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह पर ही बयानबाजी कर रही है। शर्मा ने कहा कि प्रदेश की त्रिवेन्द्र सरकार ने देश में कई राज्यों में फंसे उत्तराखण्ड के लोगों को उनके हाल पर छोड़ दिया है। जबकि प्रधानमंत्री व गृह मंत्री के दबाव में गुजरातियों को एसी बसों से वापस गुजरता पहुंचाया है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने वर्ष 2013 की आपदा में भी यही किया था गुजरातियों को वापस ले गए थे बाकि किसी की कोई मदद नहीं की थी। उन्होंने कहा कि उस समय तो मोदी गुजरात के मुख्यमंत्री थे लेकिन अब तो पूरे देश का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं अब तो उन्हें सोच में बदलाव लाना चाहिए। शर्मा ने कहा कि भाजपा के नेता हों, कार्यकर्ता हों या सरकार व अन्य पदों पर बैठे प्रतिनिधि हों सभी भेदभाव कर रहे हैं। इसका एक उदाहरण नगर निगम देहरादून में भीे देखने को मिलता है। जहां नगर निगम के सभी पार्षदों से मदद के लिए एक सूची मांगाी गई थी लेकिन भाजपा के पार्षदों की सूची के हिसाब से नगर निगम से राशन जारी हो गया लेकिन कांग्रेसी पार्षदों की सूची का रद्दी में डाल दिया गया। उल्टे कांग्रेसी पार्षदों के क्षेत्रों में भाजपाई राशन बांट रहे हैं।

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