नई दिल्ली। कोरोना वायरस वैश्विक महामारी के कारण दुनियाभर में पैदा हुए स्वास्थ्य आपात के बीच एशियाई विकास बैंक ने अनुमान जताया है कि वित्त वर्ष 2021 में भारत की आर्थिक वृद्धि दर घटकर चार फीसदी रह सकती है। साथ ही इस बहुपक्षीय संस्था ने अपने प्रमुख प्रकाशन-एशियाई विकास परिदृश्य (एडीओ) में कहा कि व्यापक आर्थिक बुनियाद मजबूत होने से भारत अगले वित्त वर्ष में जोरदार वापसी करेगा।
राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (एनएसओ) का अनुमान है कि भारत की आर्थिक वृद्धि दर 2019-20 में पांच प्रतिशत रहेगी। बाजार में पिछले साल आई सुस्ती के बाद से ही भारत की विकास दर धीमी होती रही है। वित्त वर्ष 2019 में यह 6.1 प्रतिशत से गिरकर पांच प्रतिशत रह गई थी। एडीबी के अध्यक्ष मसात्सुगु असाकावा ने कहा, ‘कई बार काफी चुनौतीपूर्ण समय का सामना करना पड़ता है। कोविड-19 से विश्वभर में लोगों की जिंदगियां प्रभावित हुई हैं और उद्योग एवं अन्य आर्थिक गतिविधियां बाधित हो रही हैं।’
बैंक ने अपने ‘एशियन डिवेलपमेंट आउटलुक’ (एडीओ) 2020 में कहा कि भारत में सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि अगले वित्त वर्ष में 6.2 प्रतिशत तक मजबूत होने से पहले वित्त वर्ष 2021 में घटकर चार फीसदी रह सकती है। कोरोना वायरस महामारी से दुनियाभर में 50,000 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि 10 लाख से अधिक संक्रमित हैं। भारत में इस बीमारी से 50 से अधिक लोगों की मृत्यु हुई है और 2,000 से अधिक संक्रमित हैं।
एडीबी की मुख्य अर्थशास्त्री यासुयाकी स्वादा ने कहा कि कोविड-19 महामारी से वैश्विक वृद्धि प्रभावित हुई है और भारत भी इससे अछूता नहीं है। उन्होंने कहा कि भारत की व्यापक आर्थिक बुनियाद मजबूत है और एडीबी को उम्मीद है कि अगले वित्त वर्ष के दौरान अर्थव्यवस्था में जोरदार सुधार होगा। उन्होंने कहा कि भारत ने महामारी का मुकाबला करने के लिए तेजी से कदम उठाए। एडीबी ने कहा है कि कोरोना वायरस महामारी से वैश्विक अर्थव्यवस्था को 4,100 अरब डॉलर का नुकसान हो सकता है। ऐसा अमेरिका, यूरोप और अन्य बड़ी अर्थव्यवस्थाओं के इसकी चपेट में आने के चलते होगा।
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