लखनऊ । मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपने सरकारी आवास पर जनपद गौतमबुद्धनगर में आयोजित किये जा रहे ‘उत्तर प्रदेश दिवस’ का वर्चुअल माध्यम से उद्घाटन किया। उन्होंने इस अवसर पर नोएडा प्राधिकरण की 706.35 करोड़ रुपए की 66 परियोजनाओं का लोकार्पण एवं शिलान्यास किया। इनमें 410.69 करोड़ रुपए की 26 परियोजनाओं का लोकार्पण एवं लगभग 295.66 करोड़ रुपए की
40 परियोजनाओं का शिलान्यास शामिल है। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने जनपद गौतमबुद्धनगर के विभिन्न आयामों को प्रदर्शित करती हुई फिल्म का अवलोकन किया और नोएडा प्राधिकरण के थीम सांग को लांच किया। कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री जी ने सेफ सिटी का शुभारम्भ एवं जीआईएमएस में स्थापित सीटी स्कैन का लोकार्पण तथा थानों का शिलान्यास वर्चुअल माध्यम से किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तर प्रदेश दिवस के चतुर्थ संस्करण का आयोजन किया जा रहा है। इस वर्ष ‘उत्तर प्रदेश दिवस’ लखनऊ के साथ-साथ नोएडा में भी मनाया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री की संकल्पनाओं को पूरा करने के लिए वर्तमान राज्य सरकार पूरी प्रतिबद्धता के साथ कार्य कर रही है। वर्ष 2018 में ‘एक जनपद, एक उत्पाद’ योजना प्रदेश में लागू की गयी, यह योजना प्रधानमंत्री जी के आत्मनिर्भर भारत की आधारशिला बन रही है। इस योजना की सराहना प्रधानमंत्री ने स्वयं की है। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश के औद्योगिक विकास में जनपद गौतमबुद्धनगर का उल्लेखनीय योगदान है। उन्होंने कहा कि इस जनपद के जेवर में नोएडा इण्टरनेशनल एयरपोर्ट की स्थापना की जा रही है, जो एशिया का सबसे बड़ा एयरपोर्ट है। यहां 1,000 एकड़ भूमि में आधुनिक फिल्म सिटी की स्थापना के सम्बन्ध में तेजी से कार्यवाही की जा रही है। उन्होंने कहा कि यमुना एक्सप्रेस-वे प्राधिकरण ने कोविड-19 के आपदा काल को अवसर में बदलते हुए एमएसएमई पार्क, हैण्डीक्राफ्ट्स पार्क, एपैरल पार्क तथा टॉय पार्क की योजनाएं लॉन्च करते हुए 878 औद्योगिक इकाइयों को औद्योगिक भूखण्ड आवंटित किए हैं। इसमें 7,290 करोड़ रुपए का निवेश होगा तथा लगभग 01 लाख 75 हजार लोगों को रोजगार मिलेगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि वैश्विक महामारी कोविड-19 के खिलाफ प्रधानमंत्री के मार्गदर्शन में उत्तर प्रदेश ने उल्लेेखनीय कार्य किया है। उन्होंने कहा कि प्रदेश की प्रशासनिक मशीनरी ने कोविड-19 के खिलाफ पूरी एकजुटता के साथ कार्य किया, जिसका परिणाम है कि प्रदेश के कोरोना प्रबन्धन की प्रशंसा अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर भी की गयी। लॉकडाउन के दौरान अन्य राज्यों से 40 लाख कामगार/श्रमिक प्रदेश वापस आये, जिन्हें स्थानीय स्तर पर रोजगार भी मुहैया कराया गया।