लखनऊ । मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ 2022 में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले न सिर्फ गैंगस्टर-माफिया पर नकेल कस रहे हैं। बल्कि करीब 76 हजार करोड़ रुपए के चार इन्फ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्टों को पूरा करने में जुट गए हैं। अपर मुख्य सचिव (गृह विभाग) अवनीश कुमार अवस्थी ने बताया कि इस साल मार्च-अप्रैल में लखनऊ से गाजीपुर की दूरी महज चार घंटे में तय करना संभव हो जाएगा। क्योंकि ग्रीन फिल्ड पूर्वांचल एक्सप्रेसवे का मेन एक्सप्रेसवे इस साल मार्च-अप्रैल तक और बुंदेलखंड एक्सप्रेस-वे दिसंबर तक पूरा होकर परिचालन के लिए शुरू हो जाएगा।
जबकि साइड रोड और अन्य छोटे-मोटे बचे हुए कार्यों को भी तेजी से पूरा कर लिया जाएगा। गोरखपुर-आजमगढ़ लिंक एक्सप्रेसवे अगले साल मार्च तक और गंगा एक्सप्रेसवे का काम जून 2021 से शुरू हो जाएगा। अवस्थी ने बताया कि 36 हजार करोड़ की लागत वाली 594 किमी के गंगा एक्सप्रेस परियोजना को मंत्रिमंडल ने सैद्धांतिक मंजूरी दी हुई है। 91.35 किमी. लंबा गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे योगी सरकार की दूसरी बड़ी इंफ्रास्ट्रक्चर से संबंधित योजना है। इस प्रोजेक्ट को पूरा करने के लिए पहले चरण में 1,774.09 करोड़ रुपए और दूसरे चरण में 1,250.01 करोड़ रुपए का अनुबंध गठित किया गया है।
इसी प्रकार लखनऊ से गाजीपुर के हैदरिया तक 4 घंटे में पहुंचाने वाले ग्रीन फिल्ड पूर्वांचल एक्सप्रेसवे पर योगी सरकार 22,494.66 करोड़ रुपए खर्च करने जा रही है। 340.82 किमी लंबी पूर्वांचल एक्सप्रेसवे से लखनऊ, बाराबंकी, अमेठी, अयोध्या, सुल्तानपुर, अंबेडकर नगर, आजमगढ़, मऊ और गाजीपुर जैसे नौ जिले जुडऩे वाले हैं। योगी सरकार की चौथी इन्फ्र ास्ट्रक्चर की बड़ी योजना बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे है। 296.07 किमी के इस प्रोजेक्ट पर यूपी सरकार 15,000 करोड़ रुपए खर्च करने वाली है। अतिरिक्त मुख्य सचिव नवनीत सहगल ने बताया कि माइक्रोसॉफ्ट जैसी नामी कंपनी ने यूपी में 1800 करोड़ निवेश करने की इच्छा जताई है।