उत्तराखण्ड आन्दोलन के इतिहास मे एक काला दिन : रवीन्द्र जुगरान

उत्तराखण्ड आन्दोलन के इतिहास मे एक काला दिन : रवीन्द्र जुगरान

उत्तराखण्ड आन्दोलन के इतिहास मे एक काला दिन : रवीन्द्र जुगरान

उत्तराखण्ड आन्दोलन के इतिहास मे एक काला दिन 2 अक्टूबर 1994 रामपुर तिराहा मुजफ्फरनगर कांड के दोषियों को सजा दिलाने एवं उत्तराखंड को न्याय दिलाने के लिए अकेले ही संघर्ष कर रहा उत्तराखंड का सच्चा सपूत रवीन्द्र जुगरान जी कहां है ट्रिपल इंजन की सरकार ? और कहां है विपक्ष व उत्तराखंड की विधायिका ? या कहे कि कहॉ है 20 साल साल से चुने हुये विधायक / सांसद जो आज तक उत्तराखण्ड को न्याय नही दिला सके । आन्दोलन ऐसे मे क्या ऐसा प्रतिक नही होता है कि 20 साल के चुने हुये प्रतिनिधि ही दोषियो को बचा रहे है ?
हमे ज्ञात ही है कि मा. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी ने उत्तराखंड के 2017 के विधानसभा चुनाव में चुनाव प्रचार के दौरान मुलायम सिंह यादव की सरकार द्वारा उत्तराखंड वासियों पर किये गये अत्याचार का जोर शोर से उल्लेख किया था और उत्तराखण्ड वासियो को न्याय दिलाने का अश्वाषन भी दे गये थे और हम उत्तराखण्ड के लोगो भी उन्हे भरपूर जन समर्थन देकर प्रचंण बहुमत भी दिया परन्तु आज उत्तर प्रदेश मे उत्तराखण्ड और केन्द्र मे भाजपा की प्रचंड बहुमत की सरकारे है परन्तु अफसोस है कि ट्रिपल इंजन की सरकार ने न्याय दिलाने के लिए किया क्या है ?
मातृशक्ति और मातृभूमि / देवभूमि उत्तराखण्ड के सम्मान में केवल रविन्द्र जुगरान जी मैदान में दिखाई दे रहे जो कि खुद के संसाधनो से इस लडाई को लड रहे है सायद ही कोई इस विषय पर और कोई उत्तराखण्ड का नेता उनका साथ देने को आगे आया हो । फिलहाल इलाहाबाद उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश की बैंच में रविन्द्र जुगरान जी इस मुकदमे को लड़ रहे हैं । जिसके लिये हम उन्हे सलाम करते है कि आपने जो बेडा उठाया है उसमे देवभूमि के देवी देवताओ का आर्शीवाद मिले और विजयी हो ।
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