आखिर पत्रकारों को कोरोना योद्धा क्यों नहीं मानती सरकार

आखिर पत्रकारों को कोरोना योद्धा क्यों नहीं मानती सरकार

आखिर पत्रकारों को कोरोना योद्धा क्यों नहीं मानती सरकार

उत्तराखंड। कुमायूॅ युवा प्रेस क्लब के अध्यक्ष एवं राज्य सरकार से मान्यता प्राप्त पत्रकार सौरभ गंगवार द्वारा राज्य एवं केंद्र सरकार की ओर से कोरोना महामारी के दौरान कवरेज करने वाले पत्रकारों के प्रति उदासीन रवैया अपनाये जाने पर नाराजगी व्यक्त करते हुये पत्रकारों को भी कोरोना योद्धा घोषित करने की मांग की गई है।
सौरभ गंगवार ने कहा कि कोरोना का संकट हर तरफ गहराया हुआ है। संक्रमण का यह खेल आगे कब तक जारी रहेगा कुछ कहा नहीं जा सकता लेकिन उत्तराखंड ही नहीं बल्कि पूरे देश के लिए यह दौर बहुत की कठिन और चुनौती भरा है। आए दिन सैकड़ो लोगों की जान इस महामारी में जा रही है और ज्यादा मरीज संक्रमित पाए जा रहे है। संक्रमण के इस घातक वायरस ने हर किसी को अपनी चपेट में लिया है। पत्रकार भी इससे अछूते नहीं रह पाए और अब तक न सिर्फ जनपद उधम सिंह नगर के बल्कि पूरे प्रदेश के कई पत्रकारों को यह वायरस निगल चुका है लेकिन चिंता का विषय यह है कि अपने कर्तव्य का निर्वहन करते हुए जिन पत्रकारों ने अपनी जान गवां दी उनके बाद उनके परिजनों के लिए सरकार ने क्या व्यवस्था कर रखी है।
उन्होंने कहा कि कोरोना की रोकथाम और मरीजों के इलाज के लिए जुटे शासकीय कर्मचारियों को जहां रावत सरकार ने कोरोना योद्धा करार दिया है। वहीं, सरकार और जनता के बीच सेतु का कार्य करने वाले निस्वार्थ पत्रकारों को यह सरकार कोरोना योद्धा तक नहीं मानती और उनके मृत्यु पर श्रद्धांजलि देकर अपना पल्ला झाड़ लेती है जबकि यह गलत है। रावत सरकार को पत्रकारों के हितों की ओर भी अब ध्यान देने की आवश्यकता है। दिन रात एक करके जो पत्रकार सरकार की योजनाओं को जनता तक पहुंचाने के लिए काम करते है, उसकी मृत्यु होने पर यह सरकार उसे भुला देने में पीछे नहीं हटती।
उन्होंने कहा कि आलम यह है कि तथाकथित पत्रकारों को छोड़ दें तो आज स्थिति यह है कि अगर किसी पत्रकार की कोरोना के कारण ड्यूटी के दौरान मृत्यु हो जाती है तो अगले दिन से उसके बच्चे और पत्नी कैसे जीवन यापन करेंगे इसका कोई ठिकाना नहीं।
उन्होंने कहा कि मेरा मुख्यमंत्री तीरथसिंह रावत से विनम्र आग्रह है कि वे खुद दोनों संबंध में विचार करके जल्द से जल्द कोई निर्णय लें ताकि कोरोना के संकटकाल में कार्य कर रहे पत्रकारों का मनोबल और बढ़े। जो पत्रकार साथी इस महामारी की वजह से हमारे बीच मे नही है, उनके परिजनों के लिये उचित राहत राशि की घोषणा तत्काल सरकार को करनी चाहिये।
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