अहमद शाह अब्दाली का इतिहास

1747 से लेकर 1769 तक अब्दाली ने भारत पर 9 बार आक्रमण किया | 1747 से 1753 के बीच ही इनमें से 3 बार उसने पंजाब पर आक्रमण किया | 1748 में लाहोर और सरहिंद पर कब्जा कर लिया लेकिन इसके बाद वो मुगलों से मनुपूर में मु’इन-उल-मुल्क के नेतृत्व में लड़ रही सेना से हार गया |

इसके बाद वो वापिस अफ़ग़ानिस्तान चला गया लेकिन दिसंबर 1749 में वो फिर से वापिस आया और इस बार उसने जीत हासिल की |

मुग़ल बादशाह मुहम्मद शाह ने उसे चहर महल जिसमें गुजरात, औरंगाबाद, सियालकोट और पसरूर क्षेत्र आते थे उनसे इकट्ठा होने वाला धन देने का वादा किया | जो की मुहम्मद शाह ने नादिर शाह को 1739 में ही दे दिए थे |

लेकिन बाद में मुहम्मद शाह मुकर गया इसलिए अहमद शाह ने फिर से हमला कर लाहौर पर कब्जा कर लिया | उसने चार महीने तक लाहौर में लूट मचाई और कश्मीर पर भी अपना अधिकार कर लिया |

इस लड़ाई के बाद मु’इन-उल-मुल्क या मीर मनू की जिंदगी बख्श दी और उसे लाहोर और मुल्तान दे दिया | इसके बाद वो फिर से अफ़ग़ानिस्तान चला गया |

मीर मनू की मृत्यु के बाद ये इलाक़ा फिर से अब्दाली के कंट्रोल से चला गया और एक बार फिर उसने भारत पर हमला कर दिया और इस बार वो दिल्ली तक पहुँच गया |

28 जनवरी 1757 को अब्दाली दिल्ली पहुँचा था उसने दिल्ली में बहुत कत्लेआम मचाया | सिर्फ़ दिल्ली ही नहीं बल्कि आगरा, मथुरा और वृंदावन में भी उसने लोगों को नहीं छोड़ा | मार्च 1757 में जब हैज़े की वजह से बहुत से सैनिक मरने लगे तो अब्दाली ने भारत छोड़ दिया |जाने से पहले वो अपने बेटे तिमूर को लाहोर का गवर्नर बना गया और रोहिल्ला प्रमुख नजीब-उद-दौला को दिल्ली की कमान सौंप दी | इस समय मराठा भारत में एक बहुत बड़ी शक्ति बन चुके थे | उन्होने अब्दाली के पुत्र तिमूर को पंजाब से खदेड़ दिया था | कुछ समय पंजाब में रुकने के बाद मराठा वापिस दिल्ली आ गये थे | मराठाओं के पंजाब तक पहुँचने से अब्दाली के साम्राज्य को ख़तरा बढ़ गया था | वहीं अब्दाली दिल्ली और पंजाब को खोने के बाद उसे फिर से हासिल करने की चाह में एक बार फिर से भारत पर हमला करता है |इस बार पानीपत के मैदान में पानीपत का तीसरा युद्ध 1761 में लड़ा जाता है | इस लड़ाई में मराठाओं को भारी नुकसान होता है और मराठा ये लड़ाई हार जाते हैं | पानीपत में जीतने के बाद अब्दाली वापिस लौट जाता है लेकिन उसके जाने के बाद भारत में सिखों की ताक़त बढ़ने लगती है |इसके बाद एक फिर से अब्दाली भारत पर आक्रमण करता है लेकिन इस बार उसका मकसद सिखों को कुचलना होता है | मलेरकोटला के पास कूप नाम की जगह पर अब्दाली सिखों का बहुत बड़ा कत्लेआम करता है | इसमें वो आम नागरिकों को मौत के घाट उतार देता है | इस हमले में वो 25000 के करीब सिखों को मार देता है |सिख इतिहास में इस दिन को वड्डा घल्लुघारा यानी ग्रेट किलिंग के नाम से जाना जाता है | इसके बाद भी वो 3 बार भारत पर हमले करता है | इन हमलों में वो सिखों को अपना निशाना बनाता है | वो सिखों के धार्मिक स्थलों को भी नहीं छोड़ता | लेकिन आख़िर में 1772 में उसकी मृत्यु हो जाती है | हालाँकि अफ़ग़ानिस्तान के लोग अहमद शाह अब्दाली को अपना हीरों ही मानते हैं आपकी इस बारे में क्या  राय है आप हमें कमेंट करके ज़रूर बताएं |

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