अगर दूसरे लोग जोखिम में हैं तो कोई सुरक्षित नहीं रह सकता : कोविंद

अगर दूसरे लोग जोखिम में हैं तो कोई सुरक्षित नहीं रह सकता : कोविंद

अगर दूसरे लोग जोखिम में हैं तो कोई सुरक्षित नहीं रह सकता : कोविंद

नई दिल्ली। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कहा कि कोविड-19 महामारी ने दुनिया को यह सिखाया है कि अगर दूसरे लोग जोखिम में हैं तो कोई सुरक्षित नहीं रह सकता। राष्ट्रपति आज बेंगलुरू (कर्नाटक) में राजीव गांधी स्वास्थ्य विज्ञान विश्वविद्यालय के 23वें वार्षिक दीक्षांत समारोह को संबोधित कर रहे थे। राष्ट्रपति ने कहा कि इस सदी की पहली बड़ी महामारी ने हमें अप्रत्याशित सार्वजनिक स्वास्थ्य संकटों से निपटने के लिए बेहतर रूप से तैयार रहना सिखाया है। हालांकि, कोविड-19 एक तरह का ऐसा स्वास्थ्य संकट लगता है, जो कभी-कभी आता है। वैज्ञानिकों के एक वर्ग ने हमें आगे भी इसी प्रकार की चुनौतियों का मुकाबला करने के लिए तैयार रहने की चेतावनी दी है। उन्होंने यह उम्मीद जताई कि दुनिया ने कोविड से सही सबक सीखे हैं। राष्ट्रपति ने कहा कि कोविड के बाद के चरण में दुनिया को सार्वजनिक स्वास्थ्य सेवा के बारे में अधिक ध्यान देना पड़ेगा।

चिकित्सा स्नातक बनने वाले छात्रों को संबोधित करते हुए राष्ट्रपति ने कहा कि इस पेशे में प्रवेश करने से आपके लिए मानवता की सेवा करने के अभूतपूर्व और अप्रत्याशित अवसरों का द्वारा खुलता है। यह आप पर निर्भर करता है कि आप इन अवसरों का किस प्रकार बेहतर रूप से उपयोग करते हैं। राष्ट्रपति ने कहा कि 1 फरवरी को घोषित केन्द्रीय बजट में स्वास्थ्य और कल्याण के क्षेत्र को आत्मनिर्भर भारत के छह महत्वपूर्ण स्तम्भों में से एक स्तम्भ के रूप में मान्यता दी गई है। देश में स्वास्थ्य देखभाल के बुनियादी ढांचे को बढ़ावा देने के लिए काफी जोर दिया जा रहा है। राष्ट्रपति ने इस बात पर जोर दिया कि इस राष्ट्रीय संसाधन का प्रभावी उपयोग आपके सक्रिय सहयोग और योगदान से ही संभव हो सकेगा।

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